पर, चलना संभल संभल कर तब ही तो सीख पाओगे.
जब आएगा मुसीबत तब खाओगे तुम धोखे,
पर, यकीन खुद पे करना तब ही तो सीख पाओगे.
विपत्तियों में तेरे होगा न साथ कोई,
मुसीबतों से लड़ना तब ही तो सीख पाओगे.
कर स्वागत इन दुखों का, ये जीवन में आने - जाने हैं,
फर्क अपनों - परायों में करना तब ही तो सीख पाओगे.
कर मदद तुम सभी की, इसमें कोई न भेद कर,
देना किसी को खुशियाँ तब ही तो सीख पाओगे.
माता - पिता की सेवा कर, गुरुजनों का आशीष ले,
जीवन के मुश्किल राहों पर तब ही तो चलते जाओगे.
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